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AI Unicorn : देश को मिला पहला एआई यूनिकॉर्न, 5 करोड़ डॉलर की फंडिंग, एक अरब डॉलर हुई मार्केट वैल्यू

pukhtakhabar.in
3 Min Read
AI Unicorn : देश को मिला पहला एआई यूनिकॉर्न, 5 करोड़ डॉलर की फंडिंग, एक अरब डॉलर हुई मार्केट वैल्यू

AI Unicorn: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में लगातार हमारा भारत हिस्सेदार बन रहा है और इस बार हमारे भारत देश को इस दौड़ में बड़ी सफलता हासिल हुई है । भारत देश AI स्टार्टअप  कृत्रिम (Krutrim) को देश का पहला एआई यूनिकॉर्न (AI Unicorn) घोषित किया गया है ‌। जी हां! आप सभी को बता दे की ओला कंपनी के सीईओ भावेश अग्रवाल के एआई प्रोजेक्ट कृत्रिम को देश का पहला एआई यूनिकॉर्न साबित कर किया गया है और इसे कुल मिलाकर 5 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है।मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया और अन्य निवेशकों ने कृत्रिम  जी मार्केट वैल्यू $1 लगाई है , इसके साथ ही साथ यह देश का पहला AI यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया है ‌। 

 

महीने पहले लांच हुआ था भाषा मॉडल 

जानकारी के लिए आप सभी को बता दे की AI स्टार्टअप कृत्रिम ने लगभग 1 महीने पहले ही अपनी भाषा मॉडल को लांच किया था , कृत्रिम कंपनी का मॉडल केवल भाषा तक सीमित नहीं है बल्कि यह स्टार्टअप अपना डाटा सेंटर भी विकसित कर रहा है, साथ ही साथ एक अच्छे एआई इकोसिस्टम के लिए कंप्यूटर और सुपर सर्वर सिस्टम भी तैयार करने का प्रयास कर रही है । 

 

कई भारतीय भाषाओं में काम करेगा मॉडल 

अगर कृत्रिम के भाषा मॉडल की बात करें तो इसे मल्टी मॉडल और ज्ञानवापक की क्षमता के साथ विकसित किया गया है , इसके साथ ही साथ किया मॉडल कई भाषाओं के साथ आसानी से स्विच कर सकता है ,  वही यह भाषा मॉडल 

 बंगाली कविता, बॉलीवुड फिल्मों की जानकारी और मसाला डोसा की रेसिपी तक आसानी बताने में सक्षम है ।  

 

पहले फंडिंग राउंड हुआ पूरा  

भावेश अग्रवाल ने बताया कि कृत्रिम अपना पहला फंडिंग राउंड सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है और यह ना केवल कंपनी के लिए खुशी भरा मौका है बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि पहले फंडिंग ग्राउंड में कृत्रिम ने  5 करोड़ डॉलर की फंडिंग को जुटाए हैं । 

 

जल्द अएगा कृत्रिम का बीटा वर्जन

भावेश अग्रवाल ने अपने एक प्लेटफार्म पर जानकारी दी है कि जल्द ही यूजर्स के लिए कृत्रिम का बीटा वर्जन फरवरी 2024 में अवेलेबल कर दिया जाएगा , साथ ही साथ इसकी मदद से एआई एप्लिकेशन बनाने के लिए एपीआई  उपलब्ध करवाया जाएगा इसके साथ ही साथ अब भारत भाषा मॉडल बनाने की ग्लोबल दौड़ में शामिल हो गया है । 

 

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