Tax Demand Waived : सरकार ने ईमानदार टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए 1 लाख रुपये तक के पुराने बकाया प्रत्यक्ष कर की मांग को वापस लेने का फैसला लिया है। यह कदम वित्त वर्ष 2023-24 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किया गया था, जिससे अनुमानित रूप से 1 करोड़ टैक्सपेयर्स को लाभ होगा।
किन टैक्सपेयर्स को मिलेगा लाभ?
यह छूट वित्त वर्ष 2009-10 तक के लिए 25,000 रुपये तक और वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक के लिए 10,000 रुपये तक के बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों पर लागू होगी। इसमें मुख्य रूप से आयकर, धनकर और संपत्ति कर शामिल हैं। जिन लोगों के ऊपर इस सीमा से अधिक का बकाया है, उन्हें पूर्ण भुगतान करना होगा।
छूट के क्या फायदे हैं?
- टैक्सपेयर्स के लिए मानसिक राहत: लंबित विवादों और अनिश्चितता का समाधान होने से टैक्सपेयर्स को मानसिक शांति और परेशानी कम होगी।
- आर्थिक लाभ: कर का बोझ कम हो जाने से टैक्सपेयर्स के पास अतिरिक्त बचत या निवेश करने के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा।
- कर प्रणाली में सुधार: यह कदम लंबे समय से चली आ रही पुरानी मांगों को दूर करने में मदद करेगा और कर प्रणाली को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने में योगदान देगा।
छूट का लाभ कैसे उठाएं?
आपको कोई विशेष कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार स्वचालित रूप से रद्द की गई मांगों को आपके कर रिकॉर्ड से हटा देगी। यदि आपके पास कोई प्रश्न हैं, तो आप आयकर विभाग की वेबसाइट या हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।
केरदाताओं को मिली बड़ी राहत
जैसा कि आप लोगों ने सुनाई होगा हमारे देश की फाइनेंस मिनिस्टर श्री निर्मला सीतारमण जी ने कहा है कि इस ऑफ डूइंग बिजनेस एवं एज ऑफ लिविंग में सुधार लाने के लिए सरकार ने अपने विजन को ध्यान में रखते हुए टैक्सपेयर सर्विसेज को लेकर बहुत ही बड़ा फैसला लिया है।
इस फैसले का उद्देश्य यह है कि सन 1962 के पहले से गैर सत्यापित एवं विवादित इनकम टैक्स जो की बकाया है और वह अभी इनकम टैक्स विभाग के पास नहीं आया है। इस समस्या के चलते रिफंड जारी करने में बहुत सारी रुकावटें आ रही हैं। इसी समस्या का निवारण करने के लिए सरकार को यह बड़ा फैसला लेना पड़ा है।